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Jeevan Umang (845)

जीवन उमंग योजना - टेबल न. 845
एलआईसी की जीवन उमंग योजना एंडॉवमेंट के साथ-साथ आजीवन बीमा योजना है, जो पालिसीधारक को प्रीमियम भुगतान की अवधि के अंत से उसके जीवित रहने तक (आजीवन) नियमित भुगतान प्रदान करती है। यह एक पार्टीसिपेटिंग योजना है और इसके तहत पालिसीधारक को सिंपल रिवर्सनरी बोनस के साथ साथ फाइनल एडिसन बोनस का लाभ भी मिलता है।

एलआईसी जीवन उमंग योजना की प्रमुख विशेषताएं:
यह एंडॉमेंट के साथ साथ एक आजीवन बीमा योजना है।
प्रीमियम भुगतान अवधि के बाद बीमित रकम के 8% का लाभ - आजीवन अथवा 100 वर्ष की आयु तक।
इस योजना के तहत सिंपल रिवर्सनरी बोनस के साथ साथ फाइनल एडिसन बोनस का लाभ।
प्रीमियम, मृत्यु लाभ और परिपक्वता (मैचुरिटी) लाभ पर कर लाभ।
एलआईसी जीवन उमंग योजना के तहत होनेवाले लाभ
नीचे सूचीबद्ध तरीके से एलआईसी जीवन उमंग योजना के लाभ दिए गए हैं।
मृत्यु लाभ:
यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु "जोखिम प्रारंभ तिथि" से पहले होती है तो - भुगतान किए गए सभी प्रीमियम नॉमिनी (नामांकित व्यक्ति) को वापस कर दी जाती है।
यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु "जोखिम प्रारंभ तिथि" के बाद होती है तो - नामांकित व्यक्ति को मृत्यु पर मिलनेवाले बीमित रकम की भुगतान की जाती है।
यहाँ पर मृत्यु पर मिलनेवाले बीमित रकम का अर्थ निम्न में से सबसे अधिक है
वार्षिक प्रीमियम का 10 गुणा
मूल बीमित रकम + सिंपल रिवर्सनरी बोनस + फाइनल एडिसन बोनस
मृत्यु लाभ कभी भी भुगतान किए गए सभी प्रीमियमों के 105% से कम नहीं होंगे।
मृत्यु लाभ में उल्लिखित प्रीमियम में कर, राइडर प्रीमियम और अंडरराइटिंग फैसलों के कारण बढे हुए प्रीमियम शामिल नहीं है।
सर्वाइवल लाभ:
प्रीमियम भुगतान अवधि के पूर्ण होने के एक साल बाद से प्रत्येक साल पॉलिसीधारक को मूल बीमित राशि का 8% प्राप्त होना शुरू हो जाएगा। यह राशि उसे प्रत्येक वर्ष तब तक प्राप्त होती रहेगी जब तक वह 100 वर्ष की आयु तक नहीं पहुंच जाता ता है अथवा उसकी मृत्यु न हो जाती है, जो भी पहले हो।
परिपक्वता लाभ:
100 साल की उम्र होने पर, पॉलिसीधारक को बीमित राशि + सिंपल रिवर्सनरी बोनस + फाइनल एडिसन बोनस का भुगतान किया जाएगा।
लोन की सुविधा:
एक बार सरेंडर मूल्य प्राप्त करने के बाद आप इस योजना के तहत लोन की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। लगातार 3 साल तक प्रीमियम भरने के बाद ही यह योजना सरेंडर मुल्य को
प्राप्त करती है । लोन की राशि और ब्याज की दर लोन लेने के समय पर निर्भर करती है।
आइए इस योजना को हम उदाहरण के साथ समझते हैं:
मान लीजिए गौरव जिसकी उम्र 35 साल है, इस योजना में निम्नलिखित मानकों के आधार पर निवेश करता है।
बीमित रकम =  Rs. 5,00,000
योजना की अवधि = 100 - पालिसी में प्रवेश के वक्त की आयु = 100 - 35 = 65 वर्ष
प्रीमियम भुगतान की अवधि = 20 वर्ष
इस आधार पर वार्षिक प्रीमियम रु 26,105 + कर होगा।
चूँकि, योजना लेने के समय उनकी आयु 8 वर्ष से अधिक है, इसलिए जोखिम कवर तुरंत शुरू होगा।
परिदृश्य 1 - मान लीजिए 7 साल तक प्रीमियम भुगतान करने के बाद गौरव की मृत्यु हो जाती है
उनके नॉमिनी (नामांकित व्यक्ति) को जो मृत्यु लाभ मिलेगा वो निम्न में से अधिक होगा।
वार्षिक प्रीमियम का 10 गुणा = रु 2,60,105
मूल बीमित राशि + सिंपल रिवेर्सनरी बोनस + फाइनल एडिसन बोनस = रु 5,00,000 + सिंपल रिवेर्सनरी बोनस + फाइनल एडिसन बोनस

वास्तव में, प्रीमियम भुगतान की अवधि से पहले किसी भी समय अगर गौरव की मृत्यु हो जाती है, तो उसके नॉमिनी (नामांकित व्यक्ति) को यही लाभ मिलेगा।
परिदृश्य 2 - मान लीजिए योजना प्रारंभ होने के 22 सालों बाद गौरव की मृत्यु हो जाती है और उन्होंने अपने सभी 20 प्रीमियमों का भुगतान किया है।
चूंकि उन्होंने पूरे 20 सालों तक अपने सभी प्रीमियमों का भुगतान किया है, इसलिए वे 20वें साल के बाद से हर साल सर्वाइवल लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगे और वो इस प्रकार होगा।
20 वीं प्रीमियम भुगतान करने के 1 साल बाद = बीमित रकम का 8% = रु. 5,00,000 का 8% = रु. 40,000

20 वीं प्रीमियम भुगतान करने के 2 साल बाद = बीमित रकम का 8% = रु. 5,00,000 का 8% = रु. 40,000

उनके नॉमिनी ( नामांकित व्यक्ति) को मृत्यु लाभ मिलेगा जो निम्न में से अधिक होगा।
वार्षिक प्रीमियम का 10 गुणा = रु. 2,60,105

मूल बीमित राशि + सिंपल रिवर्सनरी बोनस + फाइनल एडिसन बोनस = रु. 5,00,000 + सिंपल रिवर्सनरी बोनस + फाइनल एडिसन बोनस
नोट:  प्रीमियम भुगतान की अवधि के बाद से हर साल गौरव को, मूल बीमित रकम का 8 % मिलता रहेगा. अर्थात जब तक गौरव 100 साल का न हो जाए अथवा उसकी मृत्यु न हो जाए उसे, हर साल Rs. 40,000 मिलता रहेगा.
अगर प्रीमियम भुगतान अवधि के बाद किसी भी समय गौरव की मृत्यु हो जाती है तो उसके नॉमिनी को मृत्यु लाभ का भुगतान मिलेगा और पालिसी बंद हो जाएगी।
अब हर साल कि प्रीमियम प्रीमियम भुगतान अवधि के बाद जीवित है, उसे मूल बीमा राशि का 8% मिलेगा। उसे ये रुपये मिलेगा 40,000 तक जब तक वह 100 वर्ष की आयु तक या उसकी मृत्यु तक, जो भी पहले हो, तक पहुंच जाता है।
इसके अलावा, यदि प्रीमियम प्रीमियम भुगतान अवधि के बाद किसी भी समय मर जाता है, तो उसके नामांकित व्यक्ति को मृत्यु लाभ मिलेगा और पॉलिसी समाप्त हो जाएगी।
परिदृश्य 3 - अगर गौरव 100 वर्ष की आयु तक जीवित रहता है।
इस स्थिति में गौरव को प्रीमियम भुगतान की अवधि पूरी होने के बाद से प्रत्येक वर्ष सर्वाइवल लाभ के रूप में Rs. 40,000 मिलता रहेगा। 
इसी के साथ वह परिपक्वता लाभ के लिए भी योग्य है, जो = बीमित राशि + सिंपल रिवर्सनरी बोनस + फाइनल एडिसन बोनस।
एलआईसी जीवन उमंग योजना के तहत मिलनेवाले अतिरिक्त लाभ
इस योजना के तहत एक मामूली सा अतिरिक्त प्रीमियम भरकर निम्नलिखित राइडर का लाभ उठाया जा सकता है।
दुर्घटना मृत्यु तथा दिव्यांगता लाभ राइडर
दुर्घटना लाभ राइडर
न्यू टर्म अस्सुरंस राइडर
न्यू क्रिटिकल इलनेस लाभ राइडर
एलआईसी जीवन उमंग योजना में सहभागी होने की शर्तें तथा प्रतिबन्ध
  न्यूनतमअधिकतमबीमित रकमRs. 1,00,000कोई सीमा नहींप्रीमियम भुगतान की अवधि15,20,25 और 30 सालपालिसी टर्म100 - पालिसी में प्रवेश के समय की आयुप्रवेश आयु90 दिन55 सालप्रीमियम भुगतान के अंत में आयु30 साल70 सालप्रीमियम भुगतान मोड वार्षिक, छमाही, तिमाही और मासिक 
एलआईसी जीवन उमंग योजना की अतिरिक्त विशेषताएँ
पॉलिसी का रिवाइवल:
यदि ग्रेस पीरियड के बाद भी समय पर प्रीमियम का भुगतान नहीं किया जाता है, तो पॉलिसी बंद हो जाती है। आप अपनी इस बंद हुई पालिसी को पहले भुगतान किए गए प्रीमियम की तारीख से 2 साल के भीतर लेकिन परिपक्वता तारीख से पहले पुनः चालु करवा सकते हैं। इसके साथ ही आपको सारे बकाया प्रीमियम का भुगतान ब्याज (एलआईसी द्वारा निर्धारित किए गए ) के साथ करना पड़ेगा।
पेड-अप वैल्यू:
अगर तीन साल से कम तक के प्रीमियम का भुगतान किया गया है, और पालिसी को रिवाइव भी नहीं किया गया तो, ग्रेस पीरियड की एक्सपायरी के बाद योजना के अंतर्गत आनेवाले सारे लाभ बंद हो जायेंगे और किसी भी राशि का भुगतान पालिसीधारक को नहीं किया जाएगा। अगर कम से कम तीन साल तक प्रीमियम का भुगतान किया गया है, तो पालिसी बंद नहीं होगी बल्कि पेड-अप पालिसी में बदल जाएगी है और पालिसी अवधि के अंत तक जारी रहेगी। 
पेड-अप पॉलिसी के तहत मृत्यु पर बीमित रकम को "डेथ पेड-अप बीमित रकम" नामक एक योग से घटा दिया जाएगा और वह [(भुगतान किए गए प्रीमियमों की संख्या / देय प्रीमियम की कुल संख्या) * मृत्यु पर मिलनेवाला बीमित रकम] के बराबर होगी ।
पेड-अप पॉलिसी के तहत परिपक्वता पर बीमित रकम "मैच्युरिटी पेड-अप बीमित राशि" नामक एक योग को कम कर दी जाएगी और वह [(भुगतान किए गए प्रीमियमों की संख्या / देय प्रीमियम की कुल संख्या) * (परिपक्वता पर बीमित रकम) के बराबर होगी। )]।
योजना के सरेंडर करने पर:
अगर आपने कम से कम तीन लगातार वर्षों तक प्रीमियम का भुगतान किया है, तो आप पॉलिसी को किसी भी समय आत्मसमर्पण कर सकते हैं। पॉलिसी के सरेंडर करने पर, एलआईसी द्वारा गारंटीड सरेंडर वैल्यू और स्पेशल सरेंडर वैल्यू में जो अधिक हो उसका सरेंडर वैल्यू के रूप में भुगतान करेगी।
स्पेशल सरेंडर वैल्यू समीक्षा योग्य है और IRDAI की पुर्व स्वीकृति से बीमाकर्ता द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया जाता है।
पालिसी अवधि के दौरान भुगतान किया गया गारेंटीड सरेंडर मुल्य = (भुगतान किया गया कुल प्रीमियम) * (गारेंटीड सरेंडर वैल्यू फैक्टर)
यहाँ पर गारेंटीड सरेंडर वैल्यू फैक्टर प्रतिशत में बताए जाते हैं जो कि पालिसी अवधि और पालिसी वर्ष जिसमें पालिसी खरीदी गई है, उसपर निर्भर करता है.
फ्री लुक अवधि:
यदि पॉलिसीधारक पॉलिसी के "नियम और शर्तों" से संतुष्ट नहीं है, तो वह पालिसी को 15 दिनों के भीतर रद्द कर सकता है। पालिसी रद्द करने के बाद पालिसी धारक को स्टैंप ड्यूटी और राइडर शुल्क काटकर बाकी रकम वापस कर दी जाती है।
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